अजमेर में आरटीई दाखिला विवाद को लेकर अभिभावकों का प्रदर्शन, 7 दिन में प्रवेश नहीं मिला तो देंगे धरना
अजमेर। जयपुर के बाद अब अजमेर में भी राइट टू एजुकेशन (आरटीई) के तहत चयनित विद्यार्थियों का दाखिला नहीं होने से अभिभावक सड़कों पर उतर आए। सोमवार को जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) कार्यालय पर बड़ी संख्या में अभिभावकों ने प्रदर्शन किया और एडीईओ को ज्ञापन सौंपकर सात दिनों में बच्चों को स्कूलों में प्रवेश दिलाने की मांग की। अभिभावकों ने चेतावनी दी कि यदि तय समय में दाखिला नहीं हुआ तो वे धरना और आमरण अनशन तक करने को मजबूर होंगे।
प्रदर्शन का नेतृत्व संयुक्त अभिभावक संघ राजस्थान प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने किया। उन्होंने कहा कि आरटीई में सरकार और स्कूलों की आपसी खींचतान का सीधा नुकसान बच्चों को झेलना पड़ रहा है। “दो महीने से स्कूलों में पढ़ाई शुरू हो चुकी है, लेकिन हमारे बच्चों का दाखिला होने के बावजूद आज तक पढ़ाई शुरू नहीं हुई। अभिभावक अपने बच्चों के अधिकारों के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं,” अभिषेक जैन ने कहा।
उन्होंने बताया कि मार्च 2025 में राज्य सरकार ने आरटीई के लिए आवेदन मांगे थे, जिस पर पूरे प्रदेश से 3.08 लाख आवेदन प्राप्त हुए। इसके बाद 9 अप्रैल 2025 को जयपुर में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर की मौजूदगी में लॉटरी सिस्टम के जरिए 80 हजार बच्चों का चयन किया गया। लेकिन अब तक हजारों बच्चों का दाखिला लंबित है।
संयुक्त अभिभावक संघ का कहना है कि शिक्षा विभाग खानापूर्ति के आदेश तो निकाल रहा है, लेकिन उनके पालन की जिम्मेदारी नहीं ले रहा। “हमारी मांग है कि विभाग अपने ही आदेशों की पालना सुनिश्चित करवाए, ताकि चयनित बच्चों को शिक्षा का अधिकार मिल सके,” ज्ञापन में कहा गया।
अजमेर में हुए इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में स्थानीय अभिभावक शामिल हुए। इनमें राजवीर सिंह, दिनेश ठाडा, आशीष टांक, शैलेंद्र सिंह, राजेश सिंह, सूरज कुमार समेत कई अभिभावक मौजूद रहे।
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रिपोर्ट – [News daily hindi]
सम्पादक: मोहम्मद रज़ा
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