"अजमेर: अंजुमन सैयदजादगान का विशाल मेडिकल कैंप, दिल्ली के डॉक्टरों ने दी सेवाएं"
इस कैंप में दिल्ली से आए प्रतिष्ठित प्रोफेसर हकीम चिश्ती और हकीम अता-उर-रहमान अजमली (एमडी ए एंड एस फार्मेसी) ने अपनी टीम के साथ मरीजों का इलाज किया। यहां शुगर टेस्ट, खून की जांच, आंखों की जांच और फुल बॉडी चेकअप जैसी महत्वपूर्ण चिकित्सा सेवाएं प्रदान की गईं।
हिजामा और सस्ती दवाइयां भी उपलब्ध
मेडिकल कैंप में हिजामा पद्धति से इलाज की भी सुविधा उपलब्ध थी, जिसे मरीजों ने काफी सराहा। इसके अलावा, मरीजों को किफायती दरों पर दवाइयां भी उपलब्ध कराई गईं, ताकि वे अपनी स्वास्थ्य समस्याओं का आसानी से समाधान कर सकें।
मुख्य आयोजक और भूमिका:
इस आयोजन का संचालन अंजुमन सैयदजादगान के सदर सैयद गुलाम किब्र्या चिश्ती, नाएब सदर सैयद कलीमुद्दीन चिश्ती, और अन्य प्रमुख सदस्यों जैसे सैयद गफ्फार हुसैन काज़मी, सैयद शारिब हुसैन संजरी, और सैयद अल्तमश हुसैन संजरी ने किया। इसके अलावा, सैयद एहतेशाम अहमद शाना बाबा ने भी इस आयोजन में अहम भूमिका निभाई।
मुख्य उद्देश्य:
इस कैंप का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना था। कैंप में बड़ी संख्या में जरूरतमंद लोगों ने भाग लिया और इसका लाभ उठाया।
मरीजों की प्रतिक्रिया:
मरीजों ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के कैंप नियमित रूप से आयोजित किए जाने चाहिए। उन्होंने अंजुमन सैयदजादगान की इस पहल को समुदाय की भलाई के लिए एक सराहनीय कदम बताया।
सामाजिक महत्व:
यह आयोजन न केवल दरगाह शरीफ की परंपरा को आगे बढ़ाने का एक प्रयास था, बल्कि गरीबों और जरूरतमंदों के लिए राहत प्रदान करने का भी एक उदाहरण है। इस पहल ने स्थानीय समुदाय में स्वास्थ्य सेवाओं के महत्व को दर्शाया।
निष्कर्ष:
इस तरह के सामाजिक कार्य समाज में सकारात्मक बदलाव लाते हैं और जरूरतमंद लोगों तक आवश्यक सेवाएं पहुंचाने में मदद करते हैं। अंजुमन सैयदजादगान की यह पहल निश्चित रूप से एक
प्रेरणादायक कदम है।
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संवाददाता: मोहम्मद रज़ा
सम्पादक: मोहम्मद रज़ा
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