मुस्लिम जाट समाज के बुजुर्ग: इतिहास के गौरवशाली शख्सियतें
मुस्लिम जाट समाज ने इतिहास में अपने योगदान और त्याग से देश और समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। समाज के बुजुर्गों ने न केवल शिक्षा, राजनीति और धर्म के क्षेत्र में बल्कि सामाजिक सुधार और सेवा में भी अनुकरणीय कार्य किए हैं। आइए विस्तार से जानते हैं मुस्लिम जाट समाज के गौरवशाली बुजुर्गों की उपलब्धियों के बारे में।
सर सिकंदर हयात खान: पंजाब के प्रधानमंत्री
सर सिकंदर हयात खान का जन्म 5 जून 1892 को मुल्तान में हुआ। उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की और उच्च शिक्षा के लिए इंग्लैंड गए। हालांकि, पारिवारिक कारणों से उन्हें वापस बुला लिया गया। वे पंजाब प्रांत के प्रधानमंत्री बने और मुस्लिम जाट असारा इंटर कॉलेज की स्थापना की। उनका योगदान भारतीय राजनीति और शिक्षा के क्षेत्र में अत्यंत महत्वपूर्ण रहा।
चौधरी करीमूद्दीन: शिक्षा का दीपक जलाने वाले
करीब 100 साल पहले चौधरी करीमूद्दीन ने असारा गांव में इंटर कॉलेज की स्थापना की। इस कॉलेज के लिए उन्होंने अपनी जमीन दान में दी। उनके पिता मौलाना थे और उन्होंने अपने जीवन में शिक्षा को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाने का प्रयास किया। उनके नाम पर "चौधरी करीमूद्दीन अवार्ड" दिया जाता है, जो शिक्षा और समाज सेवा में उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रदान किया जाता है।
हजरत मौलाना रोजूद्दीन क़ासमी: शिक्षा और धर्म का संगम
मौलाना रोजूद्दीन ने अपनी शुरुआती शिक्षा गांव सांझक में प्राप्त की और बाद में देवबंद दारुल उलूम से स्नातक किया। उन्होंने असारा और दिल्ली में मदरसों और मस्जिदों की स्थापना की। शिक्षा के प्रति उनके समर्पण का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने 6 बार हज किया और शिक्षा को धर्म के साथ जोड़ने का कार्य किया। आज उनके नाम पर कई सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं।
मौलाना अकबर: शिक्षा और सेवा के प्रेरणा स्रोत
मौलाना अकबर ने कसेरवा गांव में इस्लामिक शिक्षा के साथ-साथ हिंदी और अंग्रेजी स्कूल स्थापित किए। 1994 में स्थापित उनके स्कूल को आज भी एक ऐतिहासिक कार्य के रूप में याद किया जाता है।
चौधरी हाजी उस्मान: नेतृत्व और संगठन के आदर्श
भारतीय ब्रिटिश सेना में प्रशिक्षक रह चुके हाजी उस्मान असारा गांव के पहले ग्राम प्रधान बने। वे 1952 से 1957 तक इस पद पर रहे। इसके अलावा, वे मुस्लिम इंटर कॉलेज के अध्यक्ष भी रहे। उनका परिवार आज भी शिक्षा और समाज सेवा में अग्रणी है।
चौधरी शमशेर: शिक्षा में योगदान की मिसाल
चौधरी शमशेर ने शिक्षा के क्षेत्र में अपनी 10 बीघा जमीन दान देकर "चौधरी शमशेर राजकीय इंटर कॉलेज" की स्थापना की। उनकी यह पहल समाज के लिए मील का पत्थर साबित हुई। उनकी स्मृति में उनके बेटों को "चौधरी करीमूद्दीन अवार्ड" से सम्मानित किया गया।
चौधरी इस्माइल: राजनीति में अनूठी पहचान
चौधरी इस्माइल असारा ग्राम पंचायत के प्रधान से लेकर विधायक के पद तक पहुंचे। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की पार्टी से विधायक बनकर समाज के लिए कई कल्याणकारी कार्य किए। उन्होंने असारा गांव के लोगों को प्लॉट आवंटित किए और शिक्षा तथा बुनियादी सुविधाओं के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया
चौधरी रुकनुद्दीन: क्षेत्र के पहले हाई स्कूल ग्रेजुएट
चौधरी रुकनुद्दीन ने 1929 में मेरठ से हाई स्कूल की परीक्षा पास की। वे असारा के पहले छात्र थे जिन्होंने कांधला और मेरठ में शिक्षा प्राप्त की। बाद में उन्होंने मुस्लिम इंटर कॉलेज में अध्यापन किया और ग्राम प्रधान तथा ब्लॉक प्रमुख के पद पर रहते हुए समाज के लिए कार्य किए।
हाजी कमरूद्दीन नंबरदार: उदारता और सेवा की मिसाल
हाजी कमरूद्दीन ने 110 बीघा जमीन स्कूल के लिए दान दी, जिससे शिक्षक और विद्यालय की अन्य आवश्यकताओं को पूरा किया गया। उनके प्रयासों से असारा गांव शिक्षा का केंद्र बना।
चौधरी युसूफ: समाज सुधारक और संगठनकर्ता
चौधरी युसूफ "आल इंडिया मुस्लिम जाट एसोसिएशन" के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। उन्होंने समाज में दहेज प्रथा के खिलाफ लड़ाई लड़ी और असारा गांव में रेलवे स्टेशन बनवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अन्य प्रेरणादायक व्यक्तित्व
चौधरी समेदीन: कांग्रेस पार्टी के छपरौली विधानसभा अध्यक्ष।
चौधरी शेर मोहम्मद: द्वितीय विश्व युद्ध में सैनिक के रूप में भाग लिया।
चौधरी अली शेर: मेडिकल सेवा में समाज की मदद।
चौधरी नसीम (मास्टर प्रेमू): निशानेबाजी में माहिर।
मरहूम हजरत मौलाना युसुफ: असारा की शाही मस्जिद के लंबे समय तक इमाम रहे।
समाज के लिए प्रेरणा
इन बुजुर्गों के योगदान से आज मुस्लिम जाट समाज शिक्षा, राजनीति और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। यह गौरवशाली इतिहास हमें प्रेरित करता है कि हम उनके पदचिन्हों पर चलकर समाज और देश की सेवा करें।
मेहंदी हसन असारवी
(समर्पित समाजसेवी)
संपर्क करें: 07060552335
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सम्पादक: मोहम्मद रज़ा
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