मदरसा बाबुल उलूम में भावुक माहौल: मौलाना दाऊद अमीनी के योगदान को किया गया याद, श्रद्धांजलि सभा में बेटे मौलाना ओवैस रशीदी बने नए प्रमुख
दिल्ली, 13 जुलाई।
देश के प्रतिष्ठित इस्लामी विद्वान, समाज सुधारक और शिक्षा जगत के मार्गदर्शक मौलाना दाऊद अमीनी के निधन पर शनिवार को मदरसा बाबुल उलूम, जाफराबाद, दिल्ली में एक भावुक श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। इस अवसर पर विभिन्न राज्यों से आए धर्मगुरुओं, शिक्षाविदों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने मौलाना की सेवाओं को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
सभा की अध्यक्षता मुफ्ती जाहिद कासमी ने की और संचालन मुफ्ती मोहम्मद आकिल कासमी ने किया। कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित मौलाना याह्या करीमी (राष्ट्रीय संगठन से जुड़े वरिष्ठ पदाधिकारी) ने मौलाना अमीनी के जीवन और कार्यों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि,
"मौलाना दाऊद अमीनी ने सादा जीवन, निःस्वार्थ सेवा और समाज के कल्याण को अपना जीवन लक्ष्य बनाया। उनका योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है।"
सभा में उपस्थित मौलाना हकीमुद्दीन कासमी (एक प्रमुख राष्ट्रीय संगठन के महासचिव) ने कहा,
"मौलाना अमीनी केवल एक व्यक्ति नहीं, बल्कि अपने आप में एक संपूर्ण संस्था थे। उन्होंने शिक्षा, एकता और समाज सेवा के क्षेत्र में जो योगदान दिया है, वह युगों तक याद रखा जाएगा।"
इस मौके पर मौलाना दाऊद अमीनी के परिजनों से संवेदना व्यक्त की गई।
उपस्थित लोगों ने मास्टर कासिम जफर, मौलाना उबैदुल्लाह जफर कासमी, मास्टर मोहम्मद खुर्शीद अहमद (मौलाना के छोटे भाई) और हाफिज मोहम्मद असईद, कारी मोहम्मद असअद, मौलाना ओवैस रशीदी, मोहम्मद साद (मौलाना के पुत्र) से मिलकर शोक व्यक्त किया और परिवार के प्रति सहानुभूति जताई।
इस अवसर पर मौलाना ओवैस रशीदी को मदरसा बाबुल उलूम का नया प्रमुख नियुक्त किया गया। उपस्थित वरिष्ठ धर्मगुरुओं के हाथों उनका सम्मानपूर्वक दस्तार सम्मान भी किया गया।
सभा में देशभर से आए कई प्रमुख धार्मिक और सामाजिक व्यक्तित्वों ने मौलाना के जीवन पर प्रकाश डाला। इनमें मौलाना शेर मोहम्मद अमीनी, कारी मोहम्मद आरिफ, मुफ्ती ज़कावत हुसैन कासमी, मौलाना मोहम्मद तल्हा हुसैनी, मौलाना ज़फरुद्दीन कासमी, मौलाना जावेद अहमद सिद्दीकी, कारी अब्दुस्समी, मौलाना जमील अहमद कासमी, मुफ्ती फज़ील अहमद कासमी आदि प्रमुख रहे।
इसके अलावा, कई वरिष्ठ पदाधिकारियों और संगठनों द्वारा भेजे गए शोक संदेश भी पढ़े गए, जिनमें मौलाना महमूद मदनी, मुफ्ती अबुल कासिम नुमानी, और मौलाना सलमान मंसूरपुरी के संदेश प्रमुख रहे।
सभा का समापन मुफ्ती जाहिद कासमी की भावपूर्ण प्रार्थना के साथ हुआ।
इस श्रद्धांजलि सभा में बड़ी संख्या में आम नागरिक, शिक्षक, छात्र और सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
कारी मोहम्मद ज़करिया, मौलाना शरीफ गनवानी, मौलाना क़ासिम रहीमी, मौलाना अख़लाक कासमी, मौलाना रफी आलम, मौलाना तल्हा महरौली, मुफ्ती सादिक कासमी, मुफ्ती अनवार कासमी, मौलाना अज़हर क़ासिम ज़फ़र अशरफी, मौलाना शम्सुल क़मर अमीनी, मुफ्ती अता-उर-रहमान जामई, मौलाना अकबर, कारी इहरारुल हक जौहर कासमी, हकीम अता-उर-रहमान अजमली और मदरसे के अन्य सभी सदस्य मौजूद रहे।
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रिपोर्ट – [News daily hindi]
सम्पादक: मोहम्मद रज़ा
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