पुष्कर मेला 2024 शुरू: लाखों श्रद्धालु ब्रह्मा मंदिर और ब्रह्म सरोवर पहुंचे, राजस्थान की संस्कृति की झलकियां देखने उमड़ी भीड़।"

 



पुष्कर मेला, राजस्थान का विश्व प्रसिद्ध धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव, कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर शुरू हो चुका है। ब्रह्मा मंदिर और ब्रह्म सरोवर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। इस मेले में धार्मिक आयोजन के साथ-साथ राजस्थान की संस्कृति और परंपरा का अद्भुत संगम देखने को मिलता है।


राजस्थान के पुष्कर में हर साल आयोजित होने वाला यह मेला लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। इस साल मेला 20 नवंबर से शुरू होकर 28 नवंबर तक चलेगा। श्रद्धालु पवित्र ब्रह्म सरोवर में स्नान कर पुण्य लाभ कमा रहे हैं


ब्रह्मा मंदिर और ब्रह्म सरोवर का महत्व:

पुष्कर मेला ब्रह्मा जी के एक मात्र मंदिर के कारण खास महत्व रखता है। मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन ब्रह्म सरोवर में स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसी विश्वास के साथ श्रद्धालु यहां स्नान, दान और हवन करते हैं।



कार्तिक पूर्णिमा पर विशेष आयोजन:

इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के दिन विशेष आरती, दीपदान, और घाटों पर धार्मिक अनुष्ठान किए जाएंगे। श्रद्धालुओं का कहना है कि यह आयोजन आध्यात्मिक शांति और आत्मिक संतोष प्रदान करता है।


राजस्थान की संस्कृति का उत्सव:

पुष्कर मेला केवल धार्मिक आयोजन तक सीमित नहीं है। यह मेला राजस्थान की संस्कृति और परंपरा को करीब से देखने का अवसर देता है। ऊंट और घोड़ों की दौड़, लोक नृत्य, हस्तशिल्प बाजार और पारंपरिक राजस्थानी खानपान इस मेले के प्रमुख आकर्षण हैं।


विदेशी पर्यटकों का आकर्षण:

इस मेले में विदेशी पर्यटकों की भी भारी संख्या रहती है। वे यहां राजस्थान की लोक संस्कृति और परंपराओं को नजदीक से अनुभव करते हैं।



श्रद्धालुओं का कहना है, "पुष्कर आना हमारे लिए आध्यात्मिक और सांस्कृतिक यात्रा है। यहां का वातावरण, मंदिर, और मेले का अनुभव हमें आत्मिक शांति देता है।"


पुष्कर मेला का समापन कार्तिक पूर्णिमा की रात दिव्य आरती और दीपदान के साथ होगा। मेले में आए लोग यहां की यादों को संजोकर 

अपने घर लौटेंगे।

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