केंद्रीय मंत्री भागीरथ चौधरी की अनुशंसा पर अजमेर संसदीय क्षेत्र को शिक्षा की बड़ी सौगात
दोहरिया-झिरोटा-अराई में नया प्राथमिक विद्यालय; शार्दूल SV स्कूल, मदनगंज-किशनगढ़ में चित्रकला संकाय; एमजी राजकीय विद्यालय रैगरानबस्ती व सुरसुरा में विज्ञान संकाय स्वीकृत
अजमेर/किशनगढ़, 5 सितंबर 2025।अजमेर संसदीय क्षेत्र में शिक्षा ढाँचा सुदृढ़ करने दिशा में राजस्थान सरकार ने अहम पहल की है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री तथा अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी की अनुशंसा पर शिक्षा विभाग ने चार विद्यालयों के लिए नई स्वीकृतियाँ प्रदान की हैं। यह निर्णय मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की संकल्पना “शिक्षित राजस्थान, विकसित राजस्थान” और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विज़न “शिक्षा से सशक्त भारत” के अनुरूप बताया गया है।
राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इस संबंध में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी को पत्र भेजकर स्वीकृतियों की आधिकारिक जानकारी दी है।
किन संस्थानों को क्या स्वीकृति मिली
ग्राम दोहरिया, झिरोटा, अराई — नया प्राथमिक विद्यालय स्वीकृत।
शार्दूल राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, मदनगंज-किशनगढ़ — चित्रकला विषय की अतिरिक्त संकाय स्वीकृत।
महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय, रैगरानबस्ती — विज्ञान संकाय स्वीकृत।
महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय, सुरसुरा — विज्ञान संकाय स्वीकृत।
“गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के नए अवसर खुलेंगे”: भागीरथ चौधरी
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने राज्य सरकार के प्रति आभार जताते हुए कहा,
> “इन स्वीकृतियों से ग्रामीण और शहरी—दोनों क्षेत्रों के विद्यार्थियों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के नए अवसर बनेंगे। विज्ञान और कला जैसे विषयों में आगे बढ़ने का दायरा बढ़ेगा, जबकि नए विद्यालय खुलने से गाँव के बच्चों को अब दूरस्थ स्थानों तक भटकना नहीं पड़ेगा।”
उन्होंने कहा कि यह पहल शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने की दिशा में अहम कदम है और आने वाले समय में संसदीय क्षेत्र में और भी शिक्षा-संबंधी सुविधाएँ उपलब्ध कराने के प्रयास जारी रहेंगे।
क्या बदलेगा—स्थानीय असर
पहुंच में सुधार: दोहरिया-झिरोटा-अराई में प्राथमिक विद्यालय से प्राथमिक स्तर पर नामांकन और स्कूल तक पहुँच आसान होगी।
विषय-विकल्प बढ़ेंगे: किशनगढ़ के शार्दूल SV स्कूल में चित्रकला संकाय से कला विषय के इच्छुक छात्रों को स्थानीय स्तर पर विकल्प मिलेगा।
STEM को बढ़ावा: रैगरानबस्ती और सुरसुरा में विज्ञान संकाय से वरिष्ठ माध्यमिक स्तर पर विज्ञान पढ़ने के इच्छुक छात्रों को अब निकटतम विकल्प उपलब्ध होगा।
ड्रॉपआउट में कमी की उम्मीद: निकटता और विषय-उपलब्धता बढ़ने से छात्र-छात्राओं का ड्रॉपआउट घटने की संभावना।
प्रशासनिक स्थिति और अगला चरण
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर द्वारा भेजे गए पत्र के बाद संबंधित विद्यालयों में संकाय सृजन, स्टाफिंग, प्रयोगशाला/कक्षा-कक्ष जैसी आवश्यक व्यवस्थाओं की विभागीय प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। स्थानीय शिक्षा अधिकारियों द्वारा समय-सीमा और चरणबद्ध क्रियान्वयन तय किया जाएगा।
यह कदम राज्य सरकार की प्राथमिकताओं—बुनियादी शिक्षा का विस्तार, विषय-विविधता और कौशल-आधारित शिक्षा—के अनुरूप है। शिक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, स्थानीय स्तर पर विषय-विकल्प उपलब्ध होने से उच्च शिक्षा और करियर मार्गदर्शन के अवसर बेहतर होते हैं।
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रिपोर्ट – [News daily hindi]
सम्पादक: मोहम्मद रज़ा
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