बौद्ध मठ, गौतम नगर, अजमेर: दलाई लामा को 'विश्व शांति पुरस्कार' और मानव अधिकार दिवस पर सांस्कृतिक कार्यक्रम

 




अजमेर, 07 दिसम्बर 2024:
तिब्बत राष्ट्र के आध्यात्मिक गुरू और राष्ट्राध्यक्ष, परमपावन दलाई लामा को विश्व शांति के नोबल पुरस्कार से सम्मानित होने के अवसर पर, 10 दिसम्बर 2024 को अजमेर में एक विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। यह आयोजन इण्डिया मोटर्स सर्किल के पास स्थित तिब्बती लहासा गर्म वस्त्र विक्रेताओं के केंद्र पर प्रातः 11 बजे से शुरू होगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य दलाई लामा के योगदान को सम्मानित करना और उनके स्वास्थ्य एवं दीर्घायु की कामना करना है।

कार्यक्रम में शामिल होंगे विभिन्न धार्मिक समुदाय के प्रतिनिधि
इस सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन बौद्ध मठ और जन सेवा समिति की सर्वधर्म समिति द्वारा किया जा रहा है, जिसमें विभिन्न धार्मिक समुदायों के प्रतिष्ठित नेता भाग लेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे चो गिल्तसन, और कार्यक्रम में गुणवन्त राहुल, राधा स्वामी मत के संस्थापक व महासचिव रमेश लालवानी, ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के खादिम फखर काजमी, राजावीर आश्रम के महंत टहलगिरी गोस्वामी, इस्कॉन के मितेश निचानी, सरदार गोपाल सिंह लबाना, ओशो के संजय मटाई और ब्रह्माकुमारीज की रूपा बहन और काजल बहन सहित अन्य सर्वधर्म प्रतिनिधि भाग लेंगे।

सर्वधर्म प्रार्थना और दलाई लामा की दीर्घायु की कामना
कार्यक्रम में सभी धर्मों के अनुयायी एकजुट होकर विश्व शांति की सर्वधर्म प्रार्थना करेंगे और परमपावन दलाई लामा की दीर्घायु के लिए विशेष प्रार्थनाएं की जाएंगी। इसके अलावा, इस अवसर पर तिब्बत प्रदेश की स्वतंत्रता के लिए भी प्रार्थना की जाएगी।

दलाई लामा का जीवन और योगदान
चौदहवें दलाई लामा, तेनजिन ग्यात्सो का जन्म 6 जुलाई 1935 को तिब्बत के ताकस्तेर क्षेत्र में हुआ था। दो वर्ष की उम्र में उन्हें 13वें दलाई लामा के अवतार के रूप में पहचाना गया। दलाई लामा का नाम मंगोलियाई शब्द 'दलाई' (ज्ञान का महासागर) से लिया गया है, और उन्हें बोधिसत्व के रूप में पूजा जाता है। उन्होंने अपनी जिंदगी को मानवता की सेवा में समर्पित किया है और तिब्बत की स्वतंत्रता के लिए लगातार संघर्ष किया है।

सांस्कृतिक कार्यक्रम में विभिन्न गतिविधियाँ
सांस्कृतिक कार्यक्रम में तिब्बती संस्कृति, नृत्य, संगीत और धर्म से संबंधित अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा, जो इस अवसर को और भी खास बनाएंगे। यह कार्यक्रम तिब्बत और अन्य धर्मों के अनुयायियों के बीच भाईचारे और सौहार्द को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।


कार्यक्रम में सभी अतिथियों से अपील की गई है कि वे इस ऐतिहासिक और सांस्कृतिक आयोजन का हिस्सा बनें और दलाई लामा के विश्व शांति के योगदान को सराहें।

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संवाददाता: मोहम्मद रजा




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