जामिया मिलिया इस्लामिया के कुलपति ने मास्टर अरशद चौधरी को शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए सम्मानित किया, सांजक, ज़िला मुज़फ्फरनगर (यूपी) के चौधरी मोहम्मद अरशद ने नाम रोशन किया, हकीम अता उर्रहमान अजमली, A&S Pharmacy, दिल्ली ने मुबारकबाद दी और तारीफ की।

 


जामिया मिलिया इस्लामिया के एम.ए. अंसारी ऑडिटोरियम में आयोजित छात्रों के इंडक्शन और फेसीलिटेशन प्रोग्राम में कुलपति प्रोफेसर मज़हर आसिफ ने शिक्षा और सफलता के बीच के अंतर पर चर्चा करते हुए नैतिक मूल्यों और मानवता की अहमियत पर जोर दिया।

मुख्य समाचार:

मास्टर अरशद चौधरी को जामिया मिलिया इस्लामिया के कुलपति प्रोफेसर मज़हर आसिफ द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में उनकी विशेष सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कुलपति ने कहा कि शिक्षा और सफलता में फर्क है। उन्होंने कहा, "बिना मेहनत और दृढ़ संकल्प के कोई भी व्यक्ति सफल नहीं हो सकता। शिक्षा हमें केवल ज्ञान नहीं देती बल्कि हमें एक अच्छा इंसान बनाती है। अगर हमारे नैतिक मूल्य सही नहीं हैं, तो हमारी शिक्षा व्यर्थ है।" उन्होंने मिर्ज़ा ग़ालिब का एक शेर उद्धृत किया, "बंदे को इंसान बनने का भी हक़ नहीं मिलता, अगर उसके पास शिक्षा न हो।"

समारोह के मुख्य वक्ता:

इस कार्यक्रम में जामिया के सेंटर फॉर डिस्टेंस एंड ऑनलाइन एजुकेशन (सीडीओई) के निदेशक प्रोफेसर मुशाहिद आलम ने ऑनलाइन शिक्षा की संभावनाओं पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में सीडीओई में नए पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे। कार्यक्रम में जामिया के रजिस्ट्रार प्रोफेसर महताब आलम और असिस्टेंट प्रोफेसर व बी.एड कोऑर्डिनेटर डॉ. बुशरा हुसैन भी मौजूद थीं। डॉ. हुसैन ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान जो परीक्षाएं विलंबित हो गई थीं, वे अब नियंत्रित कर ली गई हैं और सभी गतिविधियां सुव्यवस्थित तरीके से चल रही हैं।

सम्मान समारोह:

इस समारोह में 4 आईएएस अधिकारियों, 3 आईआरएस अधिकारियों, 3 मीडिया व्यक्तित्वों और 3 शिक्षाविदों को भी सम्मानित किया गया।

मास्टर अरशद चौधरी के विचार:

सम्मान प्राप्त करने पर मास्टर अरशद चौधरी ने कहा कि यह पहल उन छात्रों के लिए प्रेरणा है, जो जामिया से दूर होने की भावना रखते थे। उन्होंने कहा, "अब जामिया और दूरस्थ शिक्षा के छात्रों के बीच की दूरी खत्म हो गई है। यह पुरस्कार हमारे मनोबल को बढ़ाता है और हमें और जिम्मेदार बनाता है। हमें अपने कर्तव्यों को पूरी ताकत से निभाना चाहिए और समाज को लाभान्वित करना चाहिए। जामिया का यह सम्मान केवल मेरा नहीं, बल्कि जामिया से जुड़े हर व्यक्ति का गर्व है। हमें जामिया की परंपराओं और मूल्यों को बनाए रखना चाहिए।"

समापन:

कुलपति प्रोफेसर मज़हर आसिफ ने कार्यक्रम के समापन में कहा कि शिक्षा का असली उद्देश्य केवल ज्ञान अर्जित करना नहीं, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाना है। समारोह में मौजूद सभी प्रतिभागियों ने इस कार्यक्रम की प्रशंसा की।

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सम्पादक: मोहम्मद रज़ा

 


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