केंद्रीय सरकार पेंशनर्स एसोसिएशन ने अजमेर में किया प्रदर्शन, 8वें वेतन आयोग के लाभों से वंचित करने का आरोप

अजमेर, 03 अप्रैल 2025: केंद्रीय सरकार पेंशनर्स एसोसिएशन की जिला इकाई, अजमेर ने गुरुवार को अपनी मांगों के समर्थन में पोस्टमास्टर जनरल, राजस्थान दक्षिणी क्षेत्र, सिविल लाइंस, अजमेर के भवन के सामने धरना और प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में विभिन्न विभागों से सेवानिवृत्त लगभग 150 पेंशनर्स ने हिस्सा लिया। यह प्रदर्शन नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट पेंशनर्स (एनसीसीपीए), नई दिल्ली के आह्वान पर आयोजित किया गया।
एसोसिएशन के संयोजक के.के. कुमावत ने बताया कि केंद्र सरकार ने हाल ही में ‘सीसीएस (पेंशन) नियम संशोधन विधेयक’ को वित्त विधेयक के हिस्से के रूप में 25 और 27 मार्च 2025 को क्रमशः लोकसभा और राज्यसभा में पारित करवाया है। इस संशोधन के तहत सरकार ने पेंशनर्स को उनकी सेवानिवृत्ति की तारीख के आधार पर विभिन्न वर्गों में बांटने का प्रावधान किया है, जिससे उन्हें वेतन आयोगों के लाभों से वंचित किया जा सके। कुमावत ने आरोप लगाया कि सरकार ने वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की तारीख तय करने की शक्तियां भी अपने हाथ में ले ली हैं।
उन्होंने कहा, “8वें वेतन आयोग की अभी केवल घोषणा हुई है और इसकी कमेटी का गठन भी नहीं हुआ है। इसके बावजूद सरकार ने जल्दबाजी में नियमों में बदलाव कर पेंशनर्स को लाभों से वंचित करने की मंशा जाहिर कर दी है। यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है और डी.एस. नाकरा मामले में सुप्रीम कोर्ट के 17 दिसंबर 1982 के ऐतिहासिक फैसले को चुनौती देता है।” सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट किया था कि कृत्रिम कट-ऑफ तिथियों के आधार पर पेंशनर्स को वर्गों में बांटना और किसी एक वर्ग को लाभों से वंचित करना भेदभावपूर्ण और असंवैधानिक है।

पेंशनर्स ने की वित्त मंत्री से हस्तक्षेप की मांग

प्रदर्शन में शामिल पेंशनर्स ने इसे अपने अधिकारों पर “क्रूर हमला” करार देते हुए देशभर में तीव्र विरोध की बात कही। उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से इस मुद्दे पर उचित समाधान की मांग की है। रेलवे सिंधु सभा के संरक्षक दयाल हरिसिंधानी, संस्थापक व महासचिव रमेश लालवानी, गोरधन जशनानी, शंकर मीरानी, वासुदेव खुशलानी, तुलसी खूबचंदानी और लोकू निहालानी सहित अन्य पदाधिकारियों ने भी पेंशनर्स को 8वें वेतन आयोग के लाभों से जोड़ने की मांग की। उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री और रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव से इस दिशा में कदम उठाने का आग्रह किया।

“पहले नियम बदले, फिर आयोग का गठन बाकी”

कुमावत ने कहा कि 8वां वेतन आयोग देश की आजादी के बाद वर्तमान सरकार द्वारा घोषित पहला वेतन आयोग है, जिसका विधिवत गठन अभी तक नहीं हुआ है। लेकिन इससे पहले ही नियमों में बदलाव कर दिया गया, जो पेंशनर्स के साथ अन्याय को दर्शाता है।
प्रदर्शनकारी पेंशनर्स ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे। इस मुद्दे पर सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

के.के. कुमावत, संयोजक
रमेश लालवानी, महासचिव


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सम्पादक: मोहम्मद रज़ा



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